वॉशिंगटन: एस्टेरॉयड (Asteroid) के धरती से टकराने के खतरे को देखते हुए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है. अमेरिकी वैज्ञानिक (American Scientists) इन एस्टेरॉयड को धरती की कक्षा (Earth’s Orbit) से दूर भेजने के एक वैकल्पिक रास्ते की खोज में जुटे हुए हैं. वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि एस्टेरॉयड के खतरे को देखते हुए परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. यह गैर-परमाणु (Non-Nuclear Weapons) हथियारों से बेहतर हैं.
परमाणु हथियारों का इस्तेमाल क्यों?
बता दें कि अमेरिका (US) के लारेंस लिवरमूर नेशनल लैब (Lawrence Livermoor National Lab) के वैज्ञानिक (Scientists) अमेरिकी एयर फोर्स (US Air Force) के टेक्निकल एक्सपर्ट्स की टीम के साथ काम कर रहे हैं. इस टीम में शामिल वैज्ञानिक लांसिंग होरान ने कहा कि परमाणु बम विस्फोट (Nuclear Explosion) के बाद होने वाले न्यूट्रॉन रेडिएशन (Neutron radiation) से एस्टेरॉयड से छुटकारा पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एक्स-रे (X-Rays) की तुलना में न्यूट्रॉन (Neutron) ज्यादा कारगर साबित हो सकते हैं.
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इस वजह से कारगर है न्यूट्रॉन रेडिएशन
होरान के मुताबिक, एस्टेरॉयड की सतह को न्यूट्रॉन ज्यादा गरम कर सकते हैं. न्यूट्रॉन एक्स-रे की तुलना में धरती की कक्षा से एस्टेरॉयड को हटाने में ज्यादा प्रभावी होंगे. जान लें कि एस्टेरॉयड को हटाने के 2 तरीकों पर विचार चल रहा है. पहला तरीका है एनर्जी के जोरदार हमले से एस्टेरॉयड को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाए और दूसरा तरीका है कि एस्टेरॉयड के रास्ते को एनर्जी की मदद से बदल दिया जाए.
अमेरिकी वैज्ञानिक होरान ने कहा कि परमाणु हथियार वाले विकल्प का इस्तेमाल तब किया जाएगा जब बहुत कम समय बचेगा. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार, 22 ऐसे एस्टेरॉयड हैं जिनके अगले 100 साल में धरती से टकराने की संभावना है.
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बता दें कि अगर कोई ऑब्जेक्ट 46.5 लाख मील प्रति घंटा यानी 74 लाख किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से धरती की तरफ आता है तो एजेंसी उसे खतरा मानती है. नासा सेंट्री (Sentry) सिस्टम के जरिए ऐसे खतरों नजर रखता है.
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